Wednesday 17 October 2012
Friday 12 October 2012
इंतज़ार
मेरे दिल - ए - जज़्बात मेरे प्यार ( अरविन्द कुमार जी ) के लिए
हर लम्हा इंतजार करता है तेरा
तू आये तो , वो ठहरे
तुझसे कुछ पूछने को बेचैन
हर पल ये घड़ियाँ रहती हैं
मेरी ऑंखें दरवाज़े पर लगी हैं ,
कि आयेगा तू इक दिन
हक से पूछेगा मुझसे
तू ठीक तो है ?
मैं नमी के साथ, झपका दूंगी आँखें
तू समा लेगा आगोश मैं मुझे
जाने वो पल कब आएगा ?
पर उम्मीद है ,
आएगा ज़रूर
- Mrs. Nirmal pathak
Monday 1 October 2012
क्या करता.... ???
तेरी बातों पे ऐतबार न करता,तो क्या करता ?
मरना था कई बार,जो इक बार मरता तो क्या मरता ?
कहकर ख़ुदा तुझको ख़ुदा से दुश्मनी ली,
ग़र यह नही करता,तो क्या करता ?
मिटाकर खुद को खुद से ही ढूँढे हैं निशाँ तेरे,
ग़र सज़दा नही करता,तो क्या करता ?
मैं मुज़रिम हूँ जमाने का सजा चाहता हूँ बस तुझसे,
ग़र उम्मीद ना करता,तो क्या करता ?
खफा है मुझसे अब तक तू कि मैं ज़ज्बाती हो गया,
ग़र यह बात ना करता,तो क्या करता.... ???
- Kumar
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